तू अवनि अवतारी पर्वत की बाला दुःख हरने वाली जग कल्याणी जय अम्बे जय जगदम्बे !! तू अवनि अवतारी पर्वत की बाला दुःख हरने वाली जग कल्याणी जय अम्बे ज...
तुम जब तक उसे पहचानोगे, वह बदल जाएगी। तुम जब तक उसे पहचानोगे, वह बदल जाएगी।
नारी की वर्तमान समस्या को बंया करती कविता नारी की वर्तमान समस्या को बंया करती कविता
व्यापारी सहता बाजार की मार पैसे गिनता बस उसी में है सार फिक्र वक्त की यहां करता कौन है व्यापारी सहता बाजार की मार पैसे गिनता बस उसी में है सार फिक्र वक्त की यहां...
क्या यही परिभाषित करता है प्यार क्या है ? क्या यही परिभाषित करता है प्यार क्या है ?
जाने कब मैं बड़ा हो गया अपने पैरों पर खड़ा हो गया, वक्त का साया ऐसा था न धेला था न प जाने कब मैं बड़ा हो गया अपने पैरों पर खड़ा हो गया, वक्त का साया ऐसा था ...